स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत सरकारी मेडिकल कॉलेजों में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की बढ़ती लागत पर क्रियान्वयन एजेंसियों के अधिकारियों को फटकार लगाई। बुधवार को राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने क्रियान्वयन में हो रही देरी पर नाराजगी जताई, जिसके परिणामस्वरूप लागत में वृद्धि हुई। बैठक के दौरान क्रियान्वयन एजेंसियों के अधिकारियों ने इन निर्माण परियोजनाओं की स्थिति पर पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन दिया।
रावत ने जोर देकर कहा कि उन्हें विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) में निर्धारित समय पर परियोजनाओं को पूरा करना सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह उनका संविदात्मक दायित्व है और उन्हें इसका पालन करना चाहिए। इन एजेंसियों द्वारा दोबारा आकलन प्रस्तुत करने की प्रथा गलत है।” उन्होंने कहा कि इन देरी के कारण लागत में वृद्धि के साथ सरकारी बजट पर भारी बोझ पड़ता है।
साथ ही, रावत ने विभागीय अधिकारियों को डीपीआर तैयार करने से लेकर निर्माण कार्य पूरा होने तक नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने आगे कहा कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के लिए 200 नाली अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, ताकि परिसर का विस्तार हो सके। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को जोड़ने के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाया जाना है। उन्होंने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिए कि वे जल्द ही अल्मोड़ा के जिलाधिकारी के साथ वर्चुअल बैठक कर भूमि अधिग्रहण और वैकल्पिक मार्ग पर चर्चा करें। साथ ही उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित करें कि मेडिकल कॉलेजों के पूर्ण हो चुके भवन और छात्रावास औपचारिक रूप से सौंप दिए जाएं।