सौ बीमारियों की एक दवा अनार

अनार का हर एक छोटा दाना कई गुणों से भरपूर होता है। अनार सौ बीमारियों की एक दवा है। इसका रस अगर कपड़ों पर लग जाएं तो यह असानी नहीं छूटता। मगर अनार खाकर आप अपनी कई बिमारियों को दूर कर सकते हैं। अनार कई रोगों में गुणकारी है।

अनार पित्तनाशक, कृमि का नाश करने वाला, पेट रोगों के लिए हितकारी तथा घबराहट को दूर करने वाला होता है।

अनार स्वरतंत्र, फेफड़े, यकृत, दिल, आमाशय तथा आंतों के रोगों पर काफी लाभकारी है। अनार में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीवायरल और एंटी-ट्यूमर जैसे तत्व पाये जाते हैं। अनार विटामिन्स का एक अच्छा स्रोत है। इसमें विटामिन ए, सी और ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

अनार स्वरतंत्र, फेफड़े, यकृत, दिल, आमाशय तथा आंतों के रोगों पर काफी लाभकारी है। अनार में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीवायरल और एंटी-ट्यूमर जैसे तत्व पाये जाते हैं। अनार विटामिन्स का एक अच्छा स्रोत है। इसमें विटामिन ए, सी और ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

अनार दिल के रोगों से लेकर पेट की गड़बड़ी और मधुमेह जैसे रोगों में फायदेमंद होता है। अनार का छिलका, छाल और पत्तियों को लेने से पेट दर्द में राहत मिलती है। पाचन तंत्र के सभी समस्याओं के निदान में अनार कारगर है।

अनार की पत्तियों की चाय बनाकर पीने से पाचन संबंधी समस्याओं में भी बहुत आराम मिलता है। दस्त और कॉलरा जैसी बीमारियों में अनार का जूस पीने से राहत मिलती है। मधुमेह के रोगियों को अनार खाने की सलाह दी जाती है इससे कॉरोनरी रोगों का खतरा कम होता है।

अनार में लोहा की भरपूर मात्रा होती है, जो रक्त में आयरन की कमी को पूरा करता है। सूखे अनार के छिलकों का चूर्ण दिन में 2-3 बार एक-एक चम्मच ताजा पानी के साथ लेने से बार-बार पेशाब आने की समस्या ठीक हो जाती है।

अनार के छिलकों को पानी में उबालकर, उससे कुल्ला करने से सांस की बदबू समाप्त हो जाती है। अनार के छिलकों के चूर्ण का सुबह-शाम एक-एक चम्मच सेवन करने से बवासीर ठीक हो जाता है। खांसी में अनार के छिलके को मुंह में रखकर उसे धीरे धीरे चूसना शुरू कर दें।

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