मां के जज्बे के आगे हर्ष बना सेना में अफसर

एक शिक्षिका के बेटे ने देश सेवा के लिए अपना रास्ता चुना और उसे इसकी बड़ी उपलब्धि भी मिली कोटद्वार। पौड़ी जनपद के विकास खंड कल्जीखाल स्थित डांगी गांव के निवासी हर्ष चौहान ने परिवार और क्षेत्र का नाम रोशन किया है। वर्तमान में लैंसडाउन में रहने वाले हर्ष चौहान को देहरादून में भारतीय सेना अकादमी में पास आउट होकर भारतीय सेना में सेना अधिकारी बनकर देश की रक्षा की पहली पंक्ति में खड़ा हो गए है, उन्होंने अपने पैतृक गांव डांगी और लैंसडाउन का ही नही बल्कि पूरे राज्य का नाम रोशन किया। हर्ष के दादा स्वर्गीय डॉ रणवीर सिंह चौहान साहित्य जगत में एक बड़ा नाम था। वही हर्ष के परदादा हरी शाह कभी लैंसडाउन में प्रसिद्ध स्वर्णकार हुआ करते थे, जबकि हर्ष चौहान के पिताजी स्वर्गीय अतुल चौहान एक शिक्षक थे जो अल्प आयु में ही इस संसार से विदा कर गए लेकिन दादा डॉ रणवीर सिंह चौहान का आशीर्वाद और माता शिक्षिका रीना चौहान के पालन पोषण में हर्ष के माथे पर देश भक्ति का जज्बा बचपन से ही झलका था हर्ष की प्रारंभिक शिक्षा कक्षा 5 वीं तक कॉन्वेंट स्कूल लैंसडाउन में हुई और उच्च माध्यमिक शिक्षा 12वीं तक एमडीएस विद्यालय ऋषिकेश में हुई हर्ष का चयन एनडीए में हो गया। हर्ष की माता वर्तमान में राजकीय प्राथमिक विद्यालय गुमखाल में कार्यरत है। हर्ष चौहान के चाचा अशीष चौहान भी शिक्षक पद पर कार्यरत है। आज उनके स्वर्गीय दादा जी होते तो पोते की इस कामयाबी पर बहुत प्रसन्न होते । पत्रकार जगमोहन डांगी ने बताया कि अपने स्वर्गीय दादा डॉ रणवीर सिंह चौहान की तरह हर्ष चौहान को भी अपनी गांव की माटी और थाती की प्राकृतिक सौंदर्य से बहुत लगाव है। वह स्कूल की छुट्टियों में अपने चाचा के साथ अक्सर गांव आता रहता था यह तक एनडीए में प्रशिक्षण के दौरान भी हर्ष दो बार अपने दोस्तों के साथ गांव आकर अपनी कुलदेवी एवं गांव के बड़े बुजुर्गों से आशीर्वाद जरूर लेना आया था हर्ष की सफलता पर सारा गांव में हर्ष की लहर है।

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