बदरीनाथ मंदिर के कपाट रविवार सुबह ठीक 6 बजे रवि पुष्य लग्न में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलते ही बाबा का धाम जय बदरी विशाल के जयकारों की गूंज से गूंज उठा। वहीं, श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा हुई। ढोल-दमाऊँ की गूंज और महिलाओं की वाणी ने ऐसा आलौकिक दृश्य रचा, कि श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।
बदरीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही यहां छह माह से जल रही अखंड ज्योति के श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। धाम में पहले दिन 10 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। बद्रीनाथ धाम में आज का दिन आस्था, अध्यात्म और परंपरा का महासंगम बन गया। पावन कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण, आर्मी बैंड की दिव्य धुन, और हजारों श्रद्धालुओं की जयघोषों के बीच विधिपूर्वक खोल दिए गए।
इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए देशभर से आए श्रद्धालु भोर से ही दर्शन के लिए लाइन में खड़े थे। पारंपरिक वेशभूषा में सजी-धजी गढ़भूमि की महिलाएं, अपनी लोक-परंपरा के साथ जब “जय बद्री विशाल भोले” की स्वर-लहरियों में थिरक उठीं, तो पूरा धाम आध्यात्मिक संगीत में डूब गया। ढोल-दमाऊँ की गूंज और महिलाओं की वाणी ने ऐसा आलौकिक दृश्य रचा, कि श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।