नैनीताल रोड स्थित पीएसी कैंपस के पास इंडियन ऑयल के एक प्रतिष्ठित पेट्रोल पंप पर घटतोली का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने लोगों को चौंका दिया है। यह वही पेट्रोल पंप है जिसे शहर के सबसे भरोसेमंद पंपों में गिना जाता है, क्योंकि इसका संचालन सरकारी संस्था द्वारा किया जाता है और यहां सरकारी विभागों के वाहन भी नियमित रूप से ईंधन भरवाते हैं। लेकिन अब इस पंप पर भरोसे की नींव दरकती नजर आ रही है। मामला तब सामने आया जब दीपक गुप्ता नाम के एक व्यक्ति अपनी टाटा पंच कार में पेट्रोल भरवाने पहुंचे। उन्होंने पंपकर्मी को टंकी फुल करने को कहा। उस वक्त कार में करीब छह लीटर पेट्रोल पहले से मौजूद था। पंपकर्मी ने नोजल लगाकर पेट्रोल भरना शुरू किया और मशीन पर 55.88 लीटर पेट्रोल दिखाया गया, जिसकी बाकायदा रसीद भी दीपक को दी गई।
इसके एवज में उन्होंने 5200 रुपये का ऑनलाइन भुगतान भी तत्काल कर दिया। भुगतान के बाद दीपक को कुछ संदेह हुआ, क्योंकि उन्हें याद आया कि उनकी कार की टंकी की अधिकतम क्षमता मात्र 37 लीटर है। पहले से मौजूद 6 लीटर पेट्रोल को जोड़ें तो अधिकतम 43 लीटर पेट्रोल ही टंकी में समा सकता था, जबकि दावा किया गया कि उसमें लगभग 56 लीटर और डाला गया। यानी कुल मिलाकर टंकी में 62 लीटर पेट्रोल हो गया, जो कि तकनीकी रूप से असंभव है। इस गड़बड़ी को लेकर दीपक ने तत्काल 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में चौकी इंचार्ज होशियार सिंह मौके पर पहुंचे। दीपक ने जिला पूर्ति अधिकारी को भी फोन किया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। पुलिस की मौजूदगी में कार की टंकी को पूरी तरह खाली करवाया गया, और जांच में यह सामने आया कि उसमें से केवल करीब 45 लीटर पेट्रोल ही निकला।
यानी लगभग 15 लीटर पेट्रोल का कोई अता-पता नहीं था। इतना ही नहीं पूरी टंकी खाली करने के बाद जब उसी नोजल से टंकी को फिर से फुल किया गया, तो वह मात्र 47 लीटर पर ही भर गई। इससे यह साफ हो गया कि पेट्रोल की मात्रा में बड़ा हेरफेर हुआ है। घटना की जानकारी फैलते ही मौके पर भारी भीड़ जुट गई। आक्रोशित लोगों ने पेट्रोल पंप को सील करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। लोगों का कहना है कि यदि दीपक ने टंकी फुल न कराई होती, तो यह धोखाधड़ी शायद कभी सामने ही न आती। फिलहाल पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है और सभी साक्ष्यों को संकलित किया जा रहा है।