जिलाधिकारी ने किया दूरस्थ क्षेत्र विद्यालयों का औचक निरीक्षण
जिलाधिकारी ने अभिभावक बनकर बच्चों से किया संवाद
जिलाधिकारी को अपने बीच पाकर खिले बच्चों के चेहरे
जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को विभिन्न सरकारी विद्यालयों तथा आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया और वहां पढ़ने वाले बच्चों से अभिभावक बनकर संवाद स्थापित किया। जिलाधिकारी को अचानक अपने बीच पाकर बच्चों के चेहरे खिल उठे। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालय की व्यवस्थाओं, शिक्षकों की उपस्थिति, पढ़ाई की गुणवत्ता और विद्यार्थियों की उपस्थिति का जायजा लिया।
जिलाधिकारी ने राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टिकौला कलां, राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय साठौली,राजकीय प्राथमिक विद्यालय कोटवाल, आंगनबाड़ी केंद्र कोटवाल का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान राजकीय प्राथमिक विद्यालय कोटवाल आलमपुर में मिड डे मिल भोजन हेतु निर्धारित लिस्ट न दिखा पाने पर नाराज़गी जाहिर की। उन्होंने बच्चों को सही से पका हुआ भोजन परोसने एवम् गुणवत्तायुक्त भोजन खिलाते रहने के निर्देश दिए। उन्होंने आँगनबाड़ी केंद्र कोटवाल प्रथम के निरीक्षण के दौरान आंगनबाड़ी वर्कर को निर्देशित करते हुए कहा कि शुरू से ही बच्चों की झिझक दूर करने का प्रयास करें और बच्चों को शुरू से ही बोलना सिखाया जाए।
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टिकौला कलां के औचक निरीक्षण के दौरान कुछ बच्चों की अनुपस्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए टीचर्स से जानकारी ली, जिसपर टीचर्स द्वारा अभिभावकों से दूरभाष पर वार्ता करते हुए बच्चों की विद्यालय में उपस्थिति हेतु की गई कॉल्स की डिटेल दिखाई गई।
जिलाधिकारी ने सभी अभिभावकों से शिक्षा की महत्ता को समझते हुए अपने बच्चों को समय से विद्यालय भेजने, बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने की अपील की।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने बच्चों से संवाद करते हुए बच्चों से उनकी पढ़ाई, रुचियों और विद्यालय में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बच्चों से गणित, सामान्य ज्ञान,भाषा से जुड़े कुछ प्रश्न पूछे और बच्चों से उनके नाम की स्पेलिंग और मतलब भी जानना चाह, जिसपर कुछ ही बच्चे अपने नाम का मतलब बता पाए। जिलाधिकारी ने अपने–अपने नाम का अर्थ ना बता पाने वाले बच्चों को उनके नाम का अर्थ और महत्त्व समझाया।
जिलाधिकारी ने शिक्षकों से चर्चा करते हुए बच्चों की पाठ्यचार्य की जरूरतों पर ध्यान देने और पढ़ाई को रोचक बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है और इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालयों की सफाई व्यवस्था, पेयजल, शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाओं का भी निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान संयुक्त मजिस्ट्रेट आशीष मिश्रा, तहसीलदार विकास अवस्थी, मुख्य वेयक्तिक अधिकारी सुदेश कुमार आदि उपस्थित थे।