हरिद्वार।
कुंभ मेला 2027 के लिए सिंचाई विभाग उत्तराखंड द्वारा बनाए जा रहे घाटों के निर्माण को लेकर जो नुकसान हुआ उसकी वजह उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा गंग नहर में अत्यधिक मात्रा में छोड़ा गया पानी है। जिसकी वजह से घाटों की फाउंडेशन को नुकसान हुआ है क्योंकि कई घाटों की फाउंडेशन में कंक्रीट का काम गंग नहर में पानी छोड़े जाने से कुछ घंटो पहले ही किया गया था और उत्तराखंड सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारियों से गंगनहर में पानी कम मात्रा में छोड़े जाने का आग्रह किया था। परंतु सिंचाई भाग उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने जानबूझकर पानी अधिक छोड़ दिया जिससे कंक्रीट को जमने का मौका नहीं मिला और उसका कुछ भाग क्षतिग्रस्त हो गया। उत्तराखंड सिंचाई विभाग का कहना है कि सोशल मीडिया पर नुकसान का जितना शोर मचाया जा रहा है उतना नुकसान नहीं हुआ।
इस सारे विवाद के संबंध में सिंचाई खंड हरिद्वार के अधिशासी अभियंता ओमजी गुप्ता का कहना है कि सिंचाई खंड हरिद्वार द्वारा वर्तमान में कुंभ मेला 2027 के अंतर्गत हरिद्वार जनपद में अपार गंग नहर के बाएं किनारे पर लगभग 2.1 60 किलोमीटर लंबाई में घाटों का निर्माण कार्य संपादितकराया जा रहा है, जिसकी कार्य प्रारंभ की तिथि 1 अक्टूबर 2025 तथा कार्य समाप्ति की तिथि 2 नवंबर 2026 है।
उन्होंने बताया कि इन घाटों का निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग एवं जल संसाधन के नियंत्रणाधीन नहर पर होने के कारण 2 अक्टूबर 2025 एवं 3 अक्टूबर 2025 को उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा कार्य में व्यवधान उत्पन्न किया गया। क्योंकि इन घाटों को आगामी कुंभ मेला 2027 से पूर्व समयबध्द रूप से संपादित कराया जाना नितांत आवश्यक है।
सिंचाई खंड हरिद्वार के अधिशासीअभियंता का कहना है कि कार्यों की महत्ता को देखते हुए 4 अक्टूबर 2025 कार्य प्रारंभ कर दिए गए थे। 6 अक्टूबर 2025 से 7 अक्टूबर 2025 को हरिद्वार जनपद में हुई बारिश के कार्य बाधित रहा। 8 अक्टूबर 2025 से 19 अक्टूबर 2025 तक विभाग द्वारा लगभग 2.160 किलोमीटर घाटों का निर्माण गंग नहर के उच्च जल स्तर से ऊपर तक 24 घंटे लगातार युद्ध स्तर पर संपादित करा लिया गया, परंतु कंक्रीट की अंतिम सेटिंग पर्याप्त समय न मिलने एवं सिंचाई भाग उत्तर प्रदेश द्वारा ऊपरी गंग नहर में सायंकाल लगभग 6:30 बजे 19 अक्टूबर को ही अत्यधिक मात्रा में पानी छोड़ दिए जाने की फलस्वरुप पानी के तीव्र वेग और अत्यधिक जल स्तर के कारण घाट की स्लैब के किनारे का कुछ भाग क्षतिग्रस्त हो गया।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस घाट का निर्माण कार्य निर्माणाधीन है तथा गंगनहर में पानी का जलस्तर कम होते ही क्षतिग्रस्त भाग को तोड़ कर पुनःस्थापित करने हेतु संबंधित ठेकेदार को निर्देशित दिया गया।
अधिशासी अभियंता ओमजी गुप्ता बोले—जलस्तर घटते ही क्षतिग्रस्त भाग की मरम्मत शुरू होगी
