नारी
नारी शब्द सुनते ही हमारे मस्तिष्क में सफेद साड़ी में भारतीय संस्कारों से ओतप्रोत छवि दृष्टिगोचर होती है जो अब धूमिल होती प्रतीत हो रही है और इसका कारण हमारे आसपास नारियों के साथ हो रहे दुष्कर्म हैं तथा यह हमारे व हमारे देश के लिए लज्जा की बात है कि जिस नारी को हमारे वेदों पुराणों में एक उच्च स्थान देते हुए कहा जाता था :- ” नारीशक्ति शक्तिशाली समाजस्य निर्माणम करोती।”अर्थात नारीशक्ति शक्तिशाली समाज का निर्माण करती है। आज उसी नारी की दशा इतनी शोचनीय है इसलिए आज नवरात्र के उपलक्ष्य में मेरी सभी से विनम्र प्रार्थना है कि नारी सिर्फ किसी की मां, बहन या पत्नी नही है बल्कि यह हमारे देश का एक अमूल्य रत्न है और इसके सम्मान के लिए हम सबको सदैव खड़े रहना चाहिए अन्यथा नवरात्र मे देवी पूजन से भी देवी आप पर कदापि प्रसन्न नहीं होंगी।
धन्यवाद।
लेखिका
वीनू